top of page

जेनेरिक दवाएँ - सच्चाई और भ्रम

केंद्र सरकार ने डॉक्टरों के लिए बड़े अक्षरों में जेनेरिक दवा लिखना अनिवार्य कर दिया है। जेनेरिक दवा को लेकर मरीजों में अभी भी हिचक नजर आती है जबकि जेनेरिक दवा इलाज के खर्च में बड़ी कटौती कर सकती हैं।

जेनेरिक दवा उसी फार्मूले के आधार पर बनाई जाती है जिससे बड़े ब्रांड की दवा। ब्रांड नाम से बिकने वाली और जेनेरिक दवा के डोज, प्रभाव, साइड इफेक्ट सब कुछ एक जैसा होता है लेकिन कीमतों में जमीन आसमान का अंतर होता है। बहुत सारे लोगों को लगता है कि जेनेरिक दवा ब्रांडनेम दवा के मुकाबले बहुत ही सस्ती हैं तो उनका वैसा प्रभाव होगा भी या नहीं।

उन्हें लगता है कि दवा की गुणवत्ता के साथ समझौता करते हुए उसकी कीमत कम की गई होगी जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं होता है। दरअसल जब भी कोई कंपनी नई दवा बाजार में लाती है तो वह दवा के रिसर्च, विकास और प्रचार पर अच्छा खासा धन खर्च करती है।

कंपनी उस दवा का पेटेंट कराती है, जो कंपनी को यह अधिकार देता है कि वह उस दवा को बेचकर पैसा कमा सके। लेकिन कोई भी कंपनी यह तभी तक कर सकती है जब तक कि उसका पेटेंट प्रभावी है। जब पेटेंट अवधि खत्म हो जाती है तो उस फार्मूले के आधार पर अन्य कंपनियां भी वह दवा बना सकती हैं।

कीमत में बड़ा अंतर

ब्रांड नाम से बिकने वाली दवा के बजाय डॉक्टर से जेनेरिक दवा लिखने का आग्रह किया जाना चाहिए क्योंकि उनकी कीमतें कम होती हैं। डॉक्टर अक्सर बड़े ब्रांड की दवा इसलिए लिखते हैं क्योंकि उन्हें दवा निर्माता कंपनी से कमीशन मिलता है। यह अच्छी खासी रकम होती है। दोनों के बीच कीमत का यह अंतर बहुत बड़ा है।

जैसे-अगर कैंसर की ब्रांडेड दवा की एक महीने की खुराक 1 लाख 25 हजार में आती है तो इसी फार्मूले की जेनेरिक दवा 8 से 10 हजार के बीच आ सकती है। बिना ब्रांड की (जेनेरिक) दवा मरीज की पहुंच में होती है और उसका असर इलाज खर्च में साफ दिखता है।


कैसे तलाशें जेनेरिक दवा

भारत में ऐसे कई ऑनलाइन ड्रग डेटाबेस हैं जहां ब्रांडेड दवा से मिलती-जुलती जेनेरिक दवा तलाशी जा सकती है। इन वेबसाइट की मदद से दवाओं की कीमतों की तुलना भी की जा सकती है। ये वेबसाइट मरीज के लिए मददगार हो सकती हैं पर दवा डॉक्टर की सलाह से ही लेवें।

MIMS.com- चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह संदर्भ वेबसाइट है। इस पर दवा तलाशने से पहले मुफ्त रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।

MedIndia.net- आप दवाओं को उनके जेनेरिक नाम या ब्रांड नाम से यहां तलाश सकते हैं। यहां आप कीमतों की तुलना भी कर सकते हैं।

HealthKartPlus.com- यह भी जेनेरिक दवा खोजने वाला सर्च इंजन है। यह खरीदारों को बहुत ही चुनिंदा विकल्प उपलब्ध कराता है।

GetDavai.com- यह वेबसाइट मुख्य रूप से एक ही फार्मूले पर आधारित विभिन्न ब्रांड की दवा के बीच कीमतों के अंतर को पहचाने में मदद करती है।

MyDawaai.com- आप ब्रांड नेम की दवा इस वेबसाइट पर डालिए। आपको तुरंत उसी कंटेंट की जेनेरिक दवा का नाम मिल जाएगा।

कम कीमत पर ही जोर

सरकार अपनी तरफ से दवाओं के मूल्य पर नियंत्रण का पूरा प्रयास कर रही है, इस प्रयास के अंतर्गत ही भारत की फार्मा कंपनियों को प्रेरित भी किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि जेनेरिक दवाओं का उपयोग बढ़े। इंडियन मेडिकल कौंसिल रेगूलेशंस 2002 के अनुसार मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया ने भी इस पर जोर दिया है कि डॉक्टर जेनेरिक दवा ही लिखें। - जेपी नड्डा, स्वास्थ्य मंत्री (संसद में दिए अपने एक बयान में) {नईदुनिया से साभार }

bottom of page